- शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना है।
- स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने और गति निर्धारित करने के लिए।
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आदि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा में प्रयोग और नवाचारों को शुरू करना और बढ़ावा देना।
- राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास करना और बच्चों में “भारतीयता” की भावना पैदा करना।
भारत सरकार के स्थानांतरणीय कर्मचारियों, अस्थायी आबादी और देश के दूरदराज और अविकसित स्थानों में रहने वाले लोगों सहित अन्य लोगों के बच्चों के लिए स्कूलों को प्रदान करना, स्थापित करना, समर्थन करना, रखरखाव, नियंत्रण और प्रबंधन करना, जिसे इसके बाद ‘केंद्रीय विद्यालय’ कहा जाएगा। ऐसे स्कूलों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सभी कार्य और चीजें करते है।
- पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय नंबर 3, ग्वालियर का विज़न रक्षा और अर्धसैनिक कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को समग्र शिक्षा से लैस करना है जो उनकी बौद्धिक जिज्ञासा, रचनात्मकता और महत्वपूर्ण सोच कौशल का पोषण करता है। ये छात्र सिर्फ शिक्षार्थी नहीं हैं बल्कि नवप्रवर्तक, समस्या समाधानकर्ता और दयालु वैश्विक नागरिक हैं। वे विविधता को अपनाते हैं, समावेशिता का सम्मान करते हैं और अपने सभी प्रयासों में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करते हैं। शिक्षाविदों में एक मजबूत नींव के साथ, पाठ्येतर गतिविधियों और वास्तविक दुनिया के अनुभवों के संपर्क के साथ, वे ऐसे नेता के रूप में उभरते हैं जो बड़े पैमाने पर अपने और समाज के लिए बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए तैयार हैं।